Dhanteras 2024 | धनतेरस कब है खरीदारी का शुभ मुहूर्त, जानें

Arrow

धनतेरस 2024 कब है

पूजा का शुभ मुहूर्त

राहु काल का समय 

सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त

 पूजा विधि  

1

2

3

4

5

6

Arrow

प्रत्यक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है इस तिथि को देवता के वैद्य धनवंत्री सागर मंथन प्रकट हुए थे इसलिए धनतेरस को धनवंत्री जयंती भी कहते हैं

बात करें धनतेरस के महत्व के बारे में तो देखिए धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है कुबेर जी की पूजा की जाती है भगवान धनवंत्री की पूजा की जाती है और प्रथम पूज्य गणपति की पूजा तो सबसे पहले की जाती है

धनतेरस के दिन सोने की खरीदारी चांदी की खरीदारी आभूषणों की खरीदारी की जाती है वाहन खरीदना हो मकान खरीदना हो दुकान खरीदना हो प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं मतलब किसी भी प्रकार की खरीदारी करने के लिए धनतेरस का दिन सबसे श्रेष्ठ माना जाता है

लेकिन अगर बहुत कुछ ना खरीदें तो भी कुछ चीजें आवश्यक होती हैं जैसे कि धनिया खरीदना मतलब साबूत धनिया, धनिए के बीज खरीदना या फिर झाड़ू खरीदना, नमक अवश्य खरीदना चाहिए पीतल के बर्तन आप खरीद सकते हैं 

धनतेरस के दिन खरीदारी अवश्य कीजिए ऐसा काहा कहा जाता है कि धनतेरस पर हम जो भी चीजें खरीदते हैं तो उसके स्वरूप में माता लक्ष्मी हमारे घर में वास करती हैं

धनतेरस 2024 कब है

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रही है 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 से तिथि और समाप्त होगी 30 अक्टूबर को दोपहर में 1:15 पर, धनतेरस का पर्व प्रदोष व्यापिनी तिथि में मनाया जाता है इसके अनुसार 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार के दिन धनतेरस मनाया जाएगा |

01

पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त है शाम को 6:31 से रात्रि 8:13 तक इसके अलावा प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त है शाम को 5:38 से रात्रि 8:13 मिनट तक

02

वृषभ काल में माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है तो माता लक्ष्मी की वृषभ कालीन पूजा का शुभ मुहूर्त आपको प्राप्त हो रहा है शाम को 6:13 से रात्रि 8:27 तक

सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त

सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त आपको प्राप्त हो रहा है 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:31 से अगले दिन यानी कि 30 अक्टूबर को सुबह 6:32 तक | तो खरीदारी के लिए आपको 20 घंटे तक का शुभ समय प्राप्त हो रहा है

03

खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस पर इतना शुभ योग हमें प्राप्त हो रहा है त्रिपुष्कर योग का  |

शास्त्रों के अनुसार त्रिपुष्कर योग में अगर आप कोई भी खरीदारी करते हैं कोई भी शुभ कार्य करते हैं तो उसका तीन गुना लाभ आपको प्राप्त होता है

04

अगला शुभ मुहूर्त है अमृत काल का जो कि सुबह 10:24 से प्रारंभ होगा और दोपहर में 12:12 तक रहेगा इस समय में अगर आप कोई भी खरीदारी करते हैं पूजा पाठ करते हैं दान धर्म करते हैं तो उसका लाभ आपको कई जन्मों तक प्राप्त होता है 

अमृत काल 

अभिजीत मुहूर्त जो कि सबसे श्रेष्ठ माना जाता है किसी भी प्रकार की खरीदारी के लिए पूजा पाठ करने के लिए कोई शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए वह आपको 29 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है सुबह 11:48 से दोपहर 12:32 तक इस समय में आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं

अभिजीत मुहूर्त 

राहुकाल का समय 

एक ऐसा समय जिस समय में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए वह है राहुकाल का समय 29 अक्टूबर को राहुकाल का समय रहेगा दोपहर में 2:58 से शाम को 4:22 तक

05

पूजा विधि   

बात करें धनतेरस की पूजा विधि के बारे में तो देखिए शाम के समय प्रदोष काल में धनवंत्री भगवान की पूजा की जाती है और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है

06

सबसे पहले गंगाजल चिड़क करर पूजा स्थल को शुद्ध कर लीजिए फिर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान धनवंत्री माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फिर तस्वीर स्थापित की जाती है

इसके बाद कलश की स्थापना करें फिर धूप दीप अक्षत पुष्प इत्यादि सभी चीजें अर्पित करके विधि विधान से सभी देवी देवताओं की पूजा कर लीजिए  

भोग अवश्य लगा दीजिए भोग में आप अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी फल का किसी भी मिठाई का भोग लगा सकते हैं जैसे भगवान धनवंत्री को पीली मिठाई का भोग लगता है और माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई का भोग लगा दीजिए |

भगवान कुबेर को भी आप चाहे तो पीली मिठाई का या फिर सफेद मिठाई का भोग लगा सकते हैं और भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगा दीजिए |